Kedarkantha trek in hindi | केदारकांठा ट्रैक 2022

केदारकांठा ट्रैक 2022 | Kedarkantha Trek Best Travel Guide in Hindi 2022

" हिमालय की गोद में बसा खूबसूरत केदारकांठा ट्रैक "

Description - केदारकांठा (Kedarkantha)

केदारकांठा ट्रैक उत्तराखंड के कुछ ऊँचे trek में से एक है | यहाँ ज्यादातर लोग सर्दियो मे आते है जिससे इसको Winter Trek Queen के नाम से भी जाना जाता है | खूबसूरत वादियां, मनमोहक नज़ारे, और आसान रास्ता इस ट्रेक को और भी खूबसूरत बना देता है | सर्दियों में यहाँ 1 से 2 फ़ीट तक की बर्फ गिरी रहती है , जिसका पूरा लुफ्त शैलानी उठाते है | आकाश को छूने के लिए व्याकुल पर्वत (big mountains), घास के मैदान, शांत बहती नदियां और सुगन्धित देवदार के जंगल (beautiful forests) आप को यहाँ देखने को मिल जाते है | यह ट्रैक प्रसिद्ध होने के साथ साथ पौराणिक कथाओ से भी जुड़ा है , जिसके बारे में यहाँ के गाइड जानकारियां देते रहते है | 
अगर आप भी सर्दियों में कही ट्रैकिंग या बर्फ देखने का मन बना रहे है तो यह जगह आप के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक होगी | इस आर्टिकल में हम  आप को इस पुरे ट्रैक के बारे में जानकारी देंगे की कैसे आप भी यहाँ आ कर इस खूबसूरत केदारकांठा ट्रैक को explore कर सकते है | तो सुरु करते है इस आर्टिकल के मुख्या बिंदु Kedarkantha Trek in Hindi,


केदारकांठा  - Kedarkantha 

 भारत के कुछ प्रसिद्द ट्रेको में से एक , केदारकांठा ट्रैक जो उत्तराखंड में स्थित है|  यह पश्चिमी गढ़वाल के उत्तरकाशी जिले में स्थित गोविन्द वन्यजीव अभ्यारण के भीतर स्थित है | यह 12500 फीट (3800 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित एक रोमांचित कर देने वाला ट्रैक है | केदारकांठा ट्रेक भारत में सबसे लोकप्रिय ट्रेक में से एक माना जाता है, केदार कांठा ट्रेक शुरू करने के कारणों में से सबसे मुख्य कारण है- इस ट्रेक की चढ़ाई पर्यटकों के बीच में बहुत लोकप्रिय है, नदी घाटी से सटा हुआ यहाँ ट्रैक अधिक ऊंचाई पर होने के कारण क्षितिज में बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाओं और राष्ट्रीय उद्यान, विशाल पहाड़ों, समृद्ध वनस्पतियों और जीवों तथा खूबसूरत हिमालय (beautiful clearings) के दर्शन करवाता है | इस ट्रेक के मनोरम दृश्य हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है और अद्वितीय ट्रैकिंग का अनुभव प्रदान करती है | एडवेंचर के शौकीन लोगो के लिए यह ट्रैक काफी प्रसिद्द है | यह ट्रेक साँकरी , जोकी इसका प्रारम्भ बिंदु है,  Kedarkantha Trek Distance  वहां से 14  किमी  की दुरी पर है | केदारकांठा पर्वत से नंदा घुंटी, कालानाग पीक, स्वर्गारोहिणी, यमुनोत्री रेंज, गंगोत्री और द्रोपदी का डांडा का एक 360 व्यू दिखाई देता है , जो इसको और भी सुन्दर बनता है | केदारकांठा ट्रैक एक आसान लेवल (popular among beginners) का ट्रेक है , जिसको दोस्तों और अपने परिवार के साथ भी किया जा सकता है | यहाँ ट्रैक साल भर में कभी भी किया जा सकने वाला ट्रेक है ,लेकिन मुख्यतः दिसम्बर  से मार्च महीने में आप इस ट्रैक में स्नोफॉल आसानी से देख सकते है और स्कीइंग का भी लुफ्त उठा सकते है |


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केदारकांठा का इतिहास - History of Kedarkantha 

यहाँ प्रदिद्ध लोक कथाओ के अनुसार अहा जगह भगवान शिव से जुडी है | केदारकांठा (Kedarkantha) दो शब्दों से मिल कर बना है पहला है केदार जिसका अर्थ है शिव और कंठा का अर्थ है उनका कंठ यानि गाला | मन जाता है की महा भारत के युद्ध के बाद जब पांडव भ्रातृहत्या का प्रायश्चित करने भगवन शिव को ढूंढ रहे थे तो उनकी परीक्षा लेने के लिए भगवन शिव ऐसी स्थान पर आ कर बस गए थे मगर जब भी वे यहाँ तपस्या करने बैठते थे तो पास ही स्थित एक गॉव सिरगा से गाऊं वालो के मवेशियों की गले में बंधी घंटियों की आवाजों से यहाँ तक पहुँचती थी और भगवान  शिव की तपस्या को भंग कर देती थी | शिव यहाँ नंदी महाराज के साथ एक बैल का रूप धारण कर के रहते थे जिससे उनको पांडव ढूंढ न सके लेकिन जब शिवजी को पता चला की पांडव एक युक्ति के द्वारा उनको ढूंढ लेंगे |  तो इस  कारण भगवन शिव इस स्थान से केदारनाथ की ओर चले गए , इसके बाद पांडव भी उसी ओर निकल पड़े  और आज वही पर केदारनाथ मंदिर है | ऐसे ही भारत के 12 ज्योत्रिलिंगो की भी स्थापना हुई | 


क्यों प्रसिद्ध है केदारकांठा ट्रैक  - Why Kedarkantha Trek Famous?

यह सर्दियों में करने लायक सबसे अच्छा ट्रेक मन जाता है | केदारकांठा ट्रेक ट्रैकिंग सुरु करने वालो (popular among beginners) के लिए सबसे अच्छा मन जाता है, यहाँ आप को ट्रैकिंग के साथ कैंपिंग (beautiful campsites) करने का भी अनुभव प्राप्त होता है | यहाँ से प्रसिद्द हिमालय के कुछ खूबसूरत ग्लेशियरों का 360 व्यू मिलता है | यहाँ  सांकरी रेंज, महादेव मंदिर, जुड़ा का ताल के लिए भी प्रसिद्द है , यहाँ आप स्कीइंग का भी आनंद ले सकते है | 

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केदारकांठा ट्रैक  कहां से शुरू करे - Complete Guide for Kedarkantha Trek in Hindi

हिमालय गढ़वाल में स्थित इस ट्रेक को अनुभवी और शुरुआती ट्रेकर्स दोनों के लिए ही प्रसिद्द है | इसका मुख्य कारण मन जाता है यहाँ के मनोरम दृश्य | इसके साथ ही यह ट्रेक भारत के उन चुनिंदा ट्रेक्स में से एक है जिसको शर्दियो में ही लोग करना पसंद करते है | यह ट्रेक गर्मियों में भी किया जा सकता है लेकिन मानसून के महीनो में भरी बारिश के चलते  उत्तराखंड की यात्राओं से बचना चाहिए | 
यह ट्रेक साँकरी गांव से शुरू होता है , जो इसका बेस है | यहाँ तक  मोटरमार्ग की सुविधा है , देहरादून से चल कर वाहन में यहाँ आसानी से पंहुचा जा सकता है | यही रास्ता आगे केदारकांठा पर्वत के टॉप तक जाता है | किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए पहाड़ी रास्तो पर चलने का अभ्यास हमेसा काम आता है | 

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केदारकांठा ट्रेक के लिए सबसे अच्छा समय - Best Time to visit Kedarkantha Trek 

केदारकांठा को सर्दियों की ट्रैकिंग  के रूप में सबसे अच्छा उपयोग किया जाता है| Kedarkantha Trek करने का सबसे अच्छा समय दिसंबर से अप्रैल तक का होता है, जब पहाड़ो पर बर्फ गिरना सुरु हो जाय या बर्फ गिरी रहे | इसे उत्तराखंड का बेस्ट विंटर ट्रेक माना जाता है, यहाँ मौसम इतना ठंडा होता है की सर्दियों में गिरी बर्फ यहाँ अप्रैल तक देखने को मिल जाती है | बारिश के दौरान यह ट्रेक नहीं करना चाहिए क्यों की उस वक्त बर्फ़बारी और बारिश दोनों ट्रेक में रूकावट पैदा करती है | तो अगर आप यहाँ ट्रैकिंग करने का प्लान बना रहे है तो सर्दियों की पहली बर्फ़बारी होते ही निकल पड़िये | अगर आप चाहें तो गर्मियों के समय भी केदारकांठा ट्रेक कर सकते हैं इस समय यहाँ पर बहुत कम गर्मी रहती है और रात के समय ठंडी हवाएं भी बहती रहती  हैं। 

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केदारकंठा  ट्रैक में लगने वाला समय - Kedarkantha Trek Distance 

यह ट्रेक लगभग 14 किमी का है, इस ट्रेक को करने में लगभग 4 से 6 दिन का समय लग जाता है | यह इस पर भी निर्भर करेगा की वहां का मौसम कैसा है क्यों की कभी कभी मौसम में परिवर्तन के कारण अचानक बर्फ़बारी होना या वर्षा होना भी इस ट्रैक को प्रभावित कर सकते है | आगे आप Kedarkantha Trek Route की दिनों के अनुसार, क्रियाकलापों को देखेंगे जिससे आप इस ट्रेक की बारीकियों को विस्तार से जान सकते है | 

केदारकांठा ट्रेक का पहला दिन - Day One of Kedarkantha Trek 

Trek Distance: 5 kms | Duration: 4 hours | Elevation: 1950m

पहल दिन सुरु होती  है सांकरी गांव से (1950 मीटर) ट्रेक सुरु किया जाता  है जो जुड़ा का ताल तक का होता है |  सांकरी से जुड़ा का ताल की दुरी 5 किमी की है | जो प्राकृतिक प्रेमियों के लिए एक जन्नत से काम नहीं है | लेकिन यदि आप  ट्रेवल एजेंसीज के माध्यम से आ रहे है तो , देहरादून से केदारकांठा ट्रेक का पहला दिन माना जाता है | सांकरी देहरादून से लगभग 200 किमी की दुरी पर स्थित है , यहाँ पहुंचने में 8-10 घंटे का समय लग जाता है , यहाँ पहुंचने का पूरा मार्ग पहाड़ी सड़क है | 
सांकरी  से गोविंद वन्यजीव अभ्यारण से होते हुए यह मार्ग गुजरता है, जो पूरा सुन्दर परिदृश्यों (beautiful clearings) से परिपूर्ण है | यहाँ से घने जंगलो (beautiful forests) को पार करते हुए यह मार्ग धीरे -धीरे हरियाली की और मनोरम दृश्यों की ओर बढ़ता है | यहाँ से ट्रेक के दूसरे बिंदु यानि जुड़ा का ताल तक का सफर पहले दिन करना होता है | जो लगभग 3-4 घंटो में पूरा हो जाता है | जुड़ा का ताल पहला कैंपिंग प्लेस है | जुड़ा का ताल सर्दियों में पुरे तरह बर्फ से जम जाता है और आकर्षण का केंद्र बनता है | यहाँ तक का सफर पहले दिन में ही पूरा करना होता है , जिससे आप की समय सरणी में कोई बदलाव न करना पड़े | 
सांकरी एक छोटा बाजार है जहाँ जरुरत की सभी सामग्री मिल जाती है| यहाँ ट्रैकर्स के लिए ट्रैकिंग गियर्स किराय पर भी मिल जाते है | यहाँ zip line का अनुभव भी ले सकते है | इस ट्रेक के लिए कोई अच्छी  ट्रेकिंग एजेंसी से ही संपर्क करे जिससे आप को सही जानकारी मिल सके | संकरी पहुंचने के दो रस्ते है ,
  1. Dehradun - मसूरी - केम्पटीफॉल - यमुना पल - नैनबाग - नौगांव - पुरीला - मोरी - सांकरी 
  2. देहरादून - विकाशनगर - चकराता - सांकरी
हमारे अनुभव के अनुसार आप पुरोला और मोरी वाले रस्ते से जाए यहाँ बहुत खूबसूरत रास्ता है| यहाँ आप टौंस नदी के साथ साथ आगे बढ़ते है यह नजारा दिल खुश कर देता है | 

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केदारकांठा ट्रेक का दूसरा दिन - Day Two of Kedarkantha Trek 

Trek Distance: 4 kms | Duration: 4-5 hours | Elevation: 3430m

एक नया दिन ठंडी हवाओ की लहरों के बीच सूर्योदय देखना आप को एक नै ऊर्जा प्रदान करता है | दूसरे दिन का ट्रेक  ट्रेक जुड़ा का ताल से केदारकांठा के बेस कैंप (beautiful campsites) तक का होता है | यहाँ से बेस कैंप की दूर 4 किमी के आस पास होगी, सर्दियों में इस पुरे रस्ते में अच्छी खासी बर्फ गिरी होती है| यह दुरी आप को थोड़ा सा थका देती है  | यहाँ जाने के लिए जंगलो  के बीच कच्चे रास्तो का प्रयोग किया जाता है , पूरा रास्ता ओक,  बाँज के पेडो से घिरा रहता है | बीच  में एक छोटी से दुकान भी है जहाँ रूककर पहाड़ो की चाय और मैगी का आनंद लिया जा सकता है | यह रास्ता आप को आगे बढ़ते रहने के लिए उत्साहित करता रहता है ,यहाँ से हिमालय पर्वतमाला के big mountains - बंदरपुंछ, स्वर्गारोहिणी, काला नाग और रंगलाना जैसी महत्वपूर्ण चोटियों के 180 डिग्री व्यू लिए जा सकते है | मतलब आप को अगले दिन के लिए अपने कैमरा/ फ़ोन को तैयार कर लेना है क्यों की अगले दिन आप को देखने को मिलते है बेहद खूबसूरत नज़ारे | 
अगर आप अकेले ट्रेक कर रहे है तो आप अपने साथ लाय कैंप यहाँ लगा सकते है और अपनी ट्रिप का आनंद ले सकते है | या फिर आप कैंपिंग का चार्ज दे कर कैंप भी ले सकते है , और यहाँ रुक सकते है | अच्छे डिनर के बाद आप यहाँ वक्त बिता कर अगले दिन की अपनी पालननिंग कर सकते है |  यदि आप किसी  ट्रेवेल एजेंसी के साथ यहाँ आय है तो वह आप को हर जगह जानकारी देते रहेंगी | 

केदारकांठा ट्रेक का तीसरा दिन - Day Four of Kedarkantha Trek

Trek Distance: 8 kms | Duration: 6-7 hours | Elevation: 3800m

तीसरा दिन यहाँ से केदारकांठा सम्मिट (the summit climb) के लिए यात्रा सुरु की जाती है, जिसकी दुरी 4 किमी के लगभग है | यहाँ पहुंचने के लिए आप को ट्रैकिंग जल्दी सूरी करनी पड़ती है क्यों की केदारकांठा सम्मिट से सूर्योदय देखना एक अविस्मरणीय दृश्य (beautiful clearings) होता है | तो कोसिस करे की  सूर्योदय से पहले ही यहाँ पहुंच जाय | सूर्य की पहली किरण पड़ते ही केदारकांठा की चोटियां मानो जीवित हो जाती है , यहाँ नजारा अद्वितीय होता है | यहाँ के 360  डिग्री व्यू देख कर आप अपनी सारी थकन भूल जाएंगी | यहाँ से नन्द घुंगटी, यमुनोत्री रंजे , द्रोपदी का डंडा के भव्य दरसन हो जाते है | यहां पर शिव का आधा बना हुआ मंदिर भी है साथ में गणेश का भी एक मंदिर है | 
अगर आप अपने पर्सनल कैंप को साथ ले कर जा रहे है तो आप एक दिन यहाँ रुक सकते है और आस पास की जगहों को एक्सप्लोर कर सकते है | लेकिन जो लोग किसी एजेंसी के साथ ट्रेक कर रहे है तो यहाँ उनके लिए अंतिम बिंदु है | यहाँ का व्यू लेने के बाद यहाँ से वापसी के लिए ट्रेक किया जाता है , इस समय यह ट्रेक जुड़ा का ताल या केदारकांठा बेस कैंप का होता है | जो यहाँ से लगभग 4 या 8  किमी की दुरी पर है यहाँ  पहुंच कर एक रात फिर यही रुका जाता है और अगले दिन वापसी की तैयारी की जाती है | 

केदारकांठा ट्रेक का चौथा दिन - Day four of Kedarkantha Trek

Trek Distance: 8 kms | Duration: 4 - 5 hours | Elevation: 1950m

 यह केदारकांठा ट्रेक का अंतिम  दिन है जिस दिन साँकरी या देहरादून के लिए वापसी करनी होती है | यह पूरा ट्रेक 8 किमी के आस पास का होता है , जिसको आसानी से पूरा कर लिया जाता है| वापसी करते समय रास्ता आसान लगता है लेकिन फिर भी पहाड़ी रास्तो पर आराम से चलना चाहिए खास कर जब रस्ते गीले या बर्फीले हो | केदारकांठा बेस कैंप या जुड़ा का ताल से नास्ता करने के बाद साँकरी तक पहुंचना होता है | जहाँ यदि आप रुकना चाहे तो रुक सकते है और आस पास की और भी खूबसूरत जगहों को देख सकते है | यह ट्रेकिंग का अंतिम  पड़ाव है, यहाँ से वापसी देहरादून के लिए की जाती है | 
यदि आप अपने निजी वहां में आय है तो नजदीक ही हनौल नामक स्थान घूमने जा सकते है , जहाँ भगवन शिव का ही एक बहुत पुराना  मंदिर है , यहाँ इस स्थान के आराध्य माने जाते है | यहाँ भी काफी दूर दूर से लोग दर्शन के लिए आते है | यहाँ पूरी घाटी ही खूबसूरत नजरो से भरपूर है , जिसका अनुभव हम आप से आने वाले लेखो में जरूर करेंगे | 

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नोट :- हम यहाँ पर दिनों की गणना साकरी से कर रहे है , यदि आप किसी ट्रेवेल एजेंसी के माध्यम से यहाँ आते है तो आप को एक दिन अतिरिक्त लगेगा | क्यों की आप को देहरादून पहुंचना होगा जहाँ से आप का पहला दिन गिना जायेगा | अगर  आप एक अनुभवी ट्रैकर नहीं है तो आपको बिना किसी ट्रेक गाइड या किसी ट्रैकिंग एजेंसी के केदारकांठा ट्रेक नहीं करना चाहिए।


केदारकांठा का तापमान - Kedakantha Temperature

केदारकांठा ट्रेक में जनवरी में न्यूनतम और मई में  अधिकतम तापमान होता है। जो निचे दिया गया है | 
  •  गर्मियों में केदारकांठा का तापमान –  Kedarkantha Temperature in Summer
अप्रैल से जून महीने तक – अधिकतम: लगभग 22℃ / न्यूनतम: लगभग 6℃
  • मानसून में केदारकांठा का तापमान – Kedarkantha temperature in monsoon
जुलाई से सितंबर महीने तक – अधिकतम: लगभग 18℃ / न्यूनतम: लगभग 4℃
  • सर्दियों में केदारकांठा का तापमान –  Kedarkantha Temperature in Winter 
अक्टूबर से फरवरी महीने तक – अधिकतम: लगभग 8℃ / न्यूनतम: लगभग -15℃ और कम

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केदारकंठ ट्रेक का मौसम - Kedarkantha Weather

यह एक ऐसा ट्रेक है जिसको लगभग हर मौसम में किया जाता है | आप को अपने अनुसार अनुकूलित मौसम में यहाँ का प्लान बनाना चाहिए, ज्यादातर लोग यहाँ सर्दियों में ही ट्रैकिंग करने आते है | इस समय यहाँ (Kedarkantha Weather) हर तरफ आप को बर्फ देखने को मिल जाती है | यहाँ उत्तराखंड का पसंदीदा विंटर ट्रेक है | सर्दियों की बर्फ यहाँ अप्रैल तक देखने को मिल जाती है | यदि आप सर्दियों में केदारकंठ जाना चाह रहे हैं तो आपके लिए बेस्ट टाइम मिड नवंबर से मिड अप्रैल है| हिमालय राज्य होने के कारण  उत्तराखंड में बारिश का अनुमान लगाना मुश्किल होता है , जिससे मॉनसून के महीनो में यहाँ का ट्रेक करना मुश्किल हो सकता है | 

केदारकांठा ट्रेक की ऊंचाई - Kedarkantha trek Height

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Kedarkantha trek Height  दी गई जानकारी के अनुसार 12500 फ़ीट के आस पास है | इस ऊंचाई पर जाने के बाद यहाँ से कई और खूबसूरत ट्रेक्स भी देखे जा सकते है जिनमे - बाली पास, हर की दून घाटी, बोरसु दर्रा, रुइंसारा घाटी, फाचू कंडी, सरुतल आदि | यहाँ से सबसे खूबसूरत पर्वत श्रृंखलाएं जैसे - ब्लैक पीक (6380 मीटर), स्वर्गारोहिणी चोटी (6320 मीटर), रूपिन रेंज, सुपिन रेंज, बांदरपंच पीक (6300 मीटर), खिमलोगा पीक, बारासर झील रेंज, रंगलाना पीक 5900 मीटर) ,विशाखरी रेंज आदि को भी देखा जा सकता है | 

केदारकंठ ट्रैक पैकेज  - Kedarkantha Trek Package

  • वैसे तो यह आप पर निर्भर करता है की आप किस ट्रेवलिंग एजेंसी से अपना पैकेज बुक करवाते है , लेकिन कुछ समान पैकेज आप को हर एजेंसी से मिल जाते है जो निम्न प्रकार है |
  • रहने के लिए गेस्ट हाउस में आवास/होम स्टे/कैंपिंग 
  • ट्रेक  के दौरान खाना (शाकाहारी)
  • ट्रैकिंग गियर्स  जैसे आरामदायक स्लीपिंग बैग, गद्दा, अलग से किचन और डाइनिंग टेंट, क्रैम्पन, बर्तन
  • आवश्यक परमिट और प्रवेश शुल्क, जिसकी जरुरत वन्य जीव अभ्यारण की चेकपोस्ट पर होती है 
  • आवश्यक ऑक्सीजन सिलेंडर, प्राथमिक चिकित्सा किट और स्ट्रेचर
  • जानकारी के लिए पेशेवर ट्रैक लीडर, गाइड और सहायक कर्मचारी।

केदारकांठा ट्रेक कॉस्ट – Kedarkantha trek Cost

 इस ट्रेक को उत्तराखंड सहित कुछ अन्य महानगरों की एजेंसियां हर साल करवाती है | जिनके अपने अनुभवी गाइड होते है | कुछ एजेंसियां 4-5 दिनों में ही ट्रेक पूरा करवा देती है  है तथा कुल 6 दिन का समय भी लेती है , जिसकी पूर्ण जानकारी आप इसी आर्टिकल में ऊपर पढ़ सकते है | यदि आप केदारकांठा ट्रेक की शुरुआत इसके प्रथम बिंदु सांकरी से कर रहे है तो Kedarkantha trek Cost लगभग 5000 से 6000 भारतीय रूपए होगी लेकिन यदि यह ट्रेक देहरादून से अपने लिए बुक करवा रहे है तो यहाँ कीमत 7500 से 8500 तक हो सकती है | ज्यादातर एजेंसी देहरादून से ही पिकअप एंड ड्राप सर्विसेज प्रदान करती है | Kedarkantha trek Cost इस पर भी निर्भर करता है की आपको ट्रेक के दौरान एजेंसीज क्या -क्या सुविधा उपलब्ध करवा रही है |  इस सूचि में परिवर्तन भी संभव है, जिसकी जानकारी किसे अच्छी ट्रेवेल एजेंसी से ली जानी चाहिए |  

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केदारकांठा कैसे पहुँचे - How To Reach Kedakantha

ट्रैक का बेस विलेज सांकरी तक आप रोड के द्वारा पहुंच सकते है| केदारकंठा के लिए आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट , अपने निजी वाहन, या टैक्सी बुक कर सकते है| लेकिन यदि आप किसी ट्रेवल एजेंसी के साथ सफर कर रहे है तो वे आप को देहरादून से ही पिक उप या ड्राप करेंगे , उसे के लिए आप देहरादून तक आसानी से पहुँच सकते है | सांकरी तक रोड कनेक्टिविटी अच्छी है देहरादून से यहाँ तक पहुंचने में 10 से 11 घंटे अधिकतम लग जाते है 

रेल मार्ग से केदारकांठा कैसे पहुँचे - How To Reach Kedakantha By Train 

रेल द्वारा केदारकांठा आने के लिए आप ऋषिकेश या देहरादून रेलवे स्टेशन तक आ सकते है | उसके आगे का सफर आप को बस या निजी वाहन से ही करना होगा जो आप को सांकरी तक ले जायेगा | यहाँ दोनों स्टेशन भारत के सभी प्रमुख शहरों के रेल मार्गो से अच्छे से जुड़े है | ज्यादातर देहरादून वाले रेलवे स्टेशन का प्रयोग ही किया जाता है , क्यों की यहाँ से सीधा आप सांकरी  के लिए रवाना हो सकते है | यहाँ से बस, टैक्सी या कैब आप अपनी सुविधा के अनुसार ले सकते है | | यहाँ से केदारकांठा की दुरी लगभग 205 किमी है | 

हवाई मार्ग से केदारकांठा कैसे पहुँचे - How To Reach Kedakantha By Air

देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट केदारकांठा के सबसे नजदीक का  हवाई अड्डा है। देहरादून हवाई अड्डे से पहले देहरादून बस अड्डे आना होता है जिससे यहाँ से   साँकरी (केदारकांठा) की दूरी लगभग  218  किलोमीटर हो जाती है । देहरादून से आप बस, कैब और शेयर्ड टैक्सी की सहायता से साँकरी पहुँच सकते है। देहरादून हवाई अड्डा भारत के प्रमुख हवाई अड्डों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग से केदारकांठा कैसे पहुँचे - How To Reach Kedakantha By Road

ट्रैक का बेस सांकरी गॉव तक आप रोड के द्वारा पहुंच सकते है यहां आने के लिए आप पर्सनल गाड़ी या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते है यहां के लिए आप दिल्ली से देहरादून तक बस ले सकते है  देहरादून से सांकरी की दुरी 205  km  है और दिल्ली से देहरादून की दुरी 261 km  है

  • प्राइवेट टैक्सी -private taxi
आप देरादून से प्राइवेट टैक्सी लेके भी संकरी तक पहुंच सकते हो यह आपको थोड़ा महंगा पड़ेगा इसके लिए आपको 4 - 6 हज़ार रूपए खर्च करने पड़ सकते है| 

  • शेयर्ड टैक्सी -shared taxi
शेयर्ड टैक्सी आपको 800  से 1000  तक के साथ सांकरी  तक ले जाएगी जिसमे आपको किसी दूसरी पैसेंजर टैक्सी में एडजस्ट करना पड़ेगा यह एक विकल्प हो सकता है| 

  • बस के द्वारा -by bus
बस के द्वारा आप देरादून से सीधा सांकरी पहुंच सकते है, पहली बस सुबह 5:30am बजे  दूसरी बस 6:30am और लास्ट बस 8am  बजे जाती है यह काफी सस्ता भी है यदि आप एक बजट ट्रैवलर है तो बस से जाना ही सही रहेगा यहां से बस का किराया 500  रूपए है| 
आप इन सब के अलावा किसी ट्रेवेल एजेंसी के माध्यम से भी वहां जा सकते है , जिससे आप को बस देहरादून तक ही आना होगा | 

केदारकांठा ट्रैक के लिए देहरादून कैसे पहुंचे - How to reach Dehradun in Hindi

हवाई मार्ग : देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे को घरेलू स्तर पर संचालित किया जाता है, जिसमें भारत के प्रमुख मेट्रो शहरों से नियमित उड़ानें आती हैं।

ट्रेन द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून जंक्शन है, जो पूरे भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग: देहरादून सड़क नेटवर्क के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप या तो देहरादून के लिए ड्राइव कर सकते हैं या दिल्ली या आसपास के किसी अन्य शहर से देहरादून पहुंचने के लिए कैब/टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।

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जुड़ा का ताल 

केदारकांठा ट्रेक के लिए जरुरी टिप्स - Tips For Kedarkantha Trek

केदारकंठ  मध्यम कठिनाई-स्तर का ट्रैक है और इस प्रकार पहली बार ट्रैकिंग करने वाले ट्रैकिंग के शौकीन  या साहसी लोगों के लिए एक आदर्श ट्रैक माना जाता है।
  • पहचान पत्र साथ रखे  
  • अपने साथ गर्म कपडे जरूर ले जाएँ -( स्वेटर / जैकेट / पुल ओवर ) 
  • पानी की बोतल ( 3-5 से लीटर )
  • ड्राई फ्रूट्स और पैकेट फ़ूड रस्ते के लिए रखे 
  • बारिश के मौसम के लिए -पोंचो / रेन कोट न भूले 
  • पॉवर बैंक / टॉर्च / कैमरा के लिए एक्स्ट्रा बैटरी
  •  इलेक्ट्रॉनिक सामान को बारिश से बचाने के वाटरप्रूफ बैग। 
  • चटाई / स्लीपिंग बैग जैसे कैंपिंग का जरुरी सामान 
  • नींबू और नमक या इलेक्ट्रोलाइट पाउडर/पेय 
  • ट्रैकिंग के कपडे जैसे - ट्रैकिंग शूज / ट्रैकिंग पेंट / क्विक ड्राई टीशर्ट /केप 
  • सीटी (आपात स्थित के लिए )
  •  प्राथमिक चिकित्सा किट जिसमे सिरदर्द, उलटी, बुखार, मोशन सिकनेस, एसिडिटी की दवाई जरूर से रखे|
  •  केदारकांठा ट्रेक शुरू करने से पहले मौसम के बारे में जरूर पता करें। 
  •  अगर आप को पहाड़ों में ट्रैकिंग का अनुभव नहीं है तो अपने साथ स्थानीय गाइड बुक  कर सकते है।
  •  ट्रैकिंग एजेंसी से सबसे पहले यात्रा कार्यक्रम की जानकारी जरूर लेना ना भूले 
  •  ट्रेक शुरू करने से पहले केदारकांठा ट्रेक से जुड़े हुए नियमों के बारे में जानकारी जरूर अपने पास रखे  
  •  यदि आप अकेले ट्रेक कर रहे है , तो आप अपने साथ स्थानीय ट्रेक गाइड जरूर कर लेवें। 
  •  अनुभव के बिना ही यहाँ ट्रेक अकेले करना खतरनाक हो सकता है  
  •  ट्रेक के दौरान  किसी भी तरह के मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलते है।  
  •  मानसून के मौसम में फिसलन होने के कारन ट्रेक थोड़ी अतिरिक्त सावधानी से करना चाहिए 
  • कोशिश करें कि आपके बैग का वजन 10-12 किलो तक ही रहे।

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( नोट :- किसी भी प्रकार की दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले । ) 

FAQ

Q1- केदारकांठा ट्रेक  कहाँ स्थित है?
Ans- केदारकांठा ट्रेक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गोविन्द वन्यजीव अभ्यारण के अंतर्गत आता है | यह समुद्र तल से लगभग 12500 फिट की ऊंचाई पर स्थित है | यह गढ़वाल हिमालय क्षेत्र का ट्रेक है | 

Q2- केदारकांठा ट्रेक क्यों प्रसिद्ध है?
Ans- केदारकांठा ट्रेक उत्तराखंड के खूबसूरत ट्रेको में से एक ट्रेक है जो सर्दियों के महीने में किया जाने वाला ट्रेक है | यहाँ से आप  हिमालय के 360* व्यू देख सकते हैं | यहाँ की नैसर्गिक सुंदरता लोगो को अपनी ओर आकर्षित करती है | यहाँ बर्फ के स्कीइंग, कैंपिंग, और ट्रैकिंग तीनो के मज़े लिए जा सकते है | यहाँ काम अनुभवी (popular among beginners) तथा अनुभवी दोनों प्रकार के ट्रेक करने वालो के लिए किसे जन्नत से काम नहीं | 
यहाँ स्थान भगवन शंकर से भी सम्बंधित है इस लिए भी यह प्रसिद्द है | मन जाता है की अगर शंकर भगवन इस स्थान को छोड़ कर नहीं जाते तो केदारनाथ मंदिर यही होता | 

Q3- केदारकांठा ट्रेक कुल लम्बाई कितनी है ?
Ans- केदारकांठा ट्रेक सांकरी गांव से सुरु होता है वहां से केदारकांठा मंदिर या केदारकांठा टॉप की कुल दुरी 12 किमी की है | इसके अनुसार यहाँ पूरा ट्रेक 24 किमी लम्बा है | यहाँ माध्यम कठिनाई वाला ट्रेक है | 

Q4- दिल्ली से केदारकांठा ट्रेक कितनी दूर है ?
Ans- दिल्ली से केदारकांठा की दुरी लगभग 455 किमी की है | 
दिल्ली से देहरादून - 250 किमी अधिकतम 
देहरादून से सांकरी  - 205 किमी लगभग 

Q5- केदारकांठा की ऊंचाई और तापमान कितना है?
Ans- केदारकांठा गढ्वाल हिमालय क्षेत्र का हिस्सा है इसकी (Kedarkantha Trek Hieght) ऊंचाई समुद्र ताल से 12500 फ़ीट की है तथा यहाँ सालभर का अधिकतम तापमान 20 - 22 डिग्री C  तथा न्यूनतम 10 - 15 डिग्री C होता है | 

Q6- केदारकांठा ट्रेक करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है ?
Ans- केदारकांठा ट्रेक सर्दियों में किये जाने वाला एक खूबसूरत ट्रेक है | सर्दियों में ट्रेक करने वालो की यह पहली पसंद  है | इस ट्रेक को करने का सही समय दिसंबर से मार्च तक का होता है , इस समय यहाँ चारो और बर्फ की चादर देखी जा सकती है | 

Q7- केदारकांठा ट्रेक करने में कितने का खर्च आता है ?
Ans- केदारकांठा ट्रेक करने के लिए यदि आप किसे ट्रेवेल एजेंसी के आते है तो आप को 8  - 10  हजार रूपए तक का खर्चा आ जाता है | लेकिन यदि आप अपने ही ग्रुप के साथ ट्रेक कर रहे है तो आप 7000 रूपए  तक में यहाँ ट्रेक कर सकते है | यह सूचि देहरादून लागु है | 



केदारकांठा से सम्बंधित यहाँ जानकारी आप को अच्छी लगी हो तो हमें कमेंट  कर के जरूर बताय और यदि आप केदारकांठा ट्रेक कर चुके है तो अपना अनुभव हम से शेयर जरूर करे |