Famous Food Of Uttarakhand In Hindi - उत्तराखंड के स्वादिष्ट व्यंजन,
Famous Food Of Uttarakhand In Hindi : भारत की राजधानी दिल्ली से केवल 4 घंटो की दुरी पर स्थित उत्तराखंड अपने खूबसूरत हिल स्टेशन और प्राकृतिक दृशो के साथ साथ अपने स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए भी जाना जाने लगा है | आज यहाँ आने वाले हर शैलानियों के दिलो में उत्तराखंड के स्वादिष्ट व्यंजन अपना एक अलग स्थान बना रहे है |
उत्तराखंड का पारम्परिक भोजन स्वस्थ्य के लिए भी लाभदायक है | जिससे मधुमेह, पेट की समस्या, प्रोटीन की कमी, और पथरी जैसी बीमारियों में भी आराम मिलता है | इस आर्टिकल के माध्यम से हम आप को आज ऐसे ही कुछ खास उत्तराखंड के स्वादिष्ट व्यंजन (Famous Food Of Uttarakhand) के बारे में जानकारी देंगे जिनका स्वाद आप अपनी उत्तराखंड की यात्रा के दौरान ले सकते है |
उत्तराखंड के स्वादिष्ट व्यंजन क्या है?(Famous Food of Uttarakhand)
उत्तराखंड में कुमाउनी और गढ़वाली दो प्रकार के व्यंजन प्रसिद्द है, जिनमे कुछ प्रसिद्ध पकवान निम्न प्रकार है |
- फाणु
- कापलि
- कंडली का साग
- चैंसू
- डुबके
- बाड़ी
- भांग की चटनी
- मंडुआ की रोटी
- झंगोरे की खीर
- गहत के पराठे (रलो की रोटी)
- उड़द के पकोड़े
- लिंगोड़ा का साग
प्रसिद्ध होने के साथ साथ यहाँ उत्तराखंड के पारम्परिक भोजन (Traditional Food Of Uttarakhand) में भी गिने जाते है आइये अब आगे जानेंगे की यह स्वादिष्ट व्यंजन क्यों इतने प्रसिद्द है और कैसे खाये जाते है |
उत्तराखंड के प्रसिद्ध भोजन और व्यंजन क्यों प्रसिद्ध है ? (famous food of uttarakhand in hindi)
भारत अपने लज़ीज व्यंजनों के लिए पूरी दुनियाभर में जाना जाता है, खाने के शौक़ीन लोग हर साल भारत की यात्रा पर आते है और यहाँ के पकवानो का जायका भी भरपूर लेते है | भारत में अलग अलग राज्यों के अपने अपने भौगोलिक परिस्थियों के अनुसार अनाज उगाया जाता है, और उसको व्यंजनों के रूप में परोसा जाता है| ऐसा ही एक राज्य है उत्तराखंड जहाँ का भोजन पौष्टिक होने के साथ साथ धीरे धीरे प्रसिद्द भी होता जा रहा है | पर्वतीय राज्य होने के कारन यहाँ उगाय जाने वाले अनाज के ज्यादा विकल्प तो नहीं है लेकिन फिर भी काम संसाधनों से बनने वाले उत्तराखंड के स्वादिष्ट व्यंजन आप को अपनी उँगलियाँ चाटने पर मजबूर कर देते है | यहाँ का पिसा हुआ नमक, तिल, लाल चावल, मंडुआ और राजमा आदि ने अपनी पहचान भारत के बाजारों में भी बना ली है|उत्तराखंड में गढ़वाल क्षेत्र आप गढ़वाली व्यंजन तथा कुमाऊं क्षेत्र में कुमाउनी व्यंजन काफी प्रचलित है |
यहाँ आप को इन दोनों प्रकार के पारम्परिक भोजन के बारे में पूर्ण जानकारी ले सकते है| कुछ पकवानो को छोड़ कर बाकी पकवान दोनों क्षेत्रों में एक सामान तरीके से बने जाते है, कुछ पकवान किसी विशेष अवसर पर ही बनाया जाते है| कुछ ऐसे ही रोचक जानकारी के लिए सुरु करते है अपना टॉपिक Famous Food Of Uttarakhand. ( आप भी अगर अपने घर पर ही उत्तराखंड के प्रदिद्ध व्यंजनों को बनाना चाहते है तो हम से जानकारी ले सकते है, हमें यह जानकारी आप से साझा करने में खुसी होगी )
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उत्तराखंड के प्रसिद्ध भोजन और व्यंजनो के नाम (Famous Food Of Uttarakhand With Name)
फाणु (Phaanu in Hindi)
यह उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में सबसे ज्यादा बनाई जाने वाली डिश है | इसको गहत की दाल से बनाया जाता है, जो की सेहत के लिए फायदेमंद होता है | इसको बनाने की प्रक्रिया लम्बी होने के साथ साथ थोड़ा जटिल है | गहत की दाल को रात भर के लिए पानी में भिगोया जाता है और अगले दिन उसको पिसा जाता है | इस पीसी हुई दाल को उचित पानी और सामग्री मिला कर चूल्हे पर धीमी आंच में पकाया जाता है | यह अन्य दालों की तरह ही बनाया जाता है लेकिन पकने की प्रक्रिया लम्बी होती है |
कापलि (Kafuli in Hindi)
यह उत्तराखंड की प्रसिद्द डिश है , इसको बनान बहुत आसान प्रक्रिया है | यह हरी पत्तेदार सब्जियों से बनाया जाता है जैसे पालक, राइ, सरसो आदि | इन पत्तो को उबाल कर उनको पिस कर उनका पेस्ट बनाया लिया जाता है | इस पेस्ट को तड़का लगाया जाता है और पानी डाल कर पकाया जाता है | स्वाद के लिए इसमें कटी हुई गार्लिक( ल्हेसुन) और मेथी का उपयोग भी किया जाता है | इसको चावल या रोटी के साथ खाया जा सकता है | यह शरीर के लिए पौष्टिक मन जाता है |
कंडली का साग (Kandalee Ka Saag in Hindi)
कंडाली को हिंदी भाषा में बिच्छू घास के नाम से जाना जाता है | यह उत्तराखंड में सर्दियों के महीनो में खाई जाने वाली साग है | यह कापली की तरह ही बनने वाली डिश है,और चावल या रोटी के साथ खाई जा सकती है | फर्क सिर्फ इतना है की कंडाली में छोटे छोटे कांटे होते है जिनको हटाने के लिए सबसे पहले कंडाली को आग में हल्का सा तपाया जाता है जिससे कांटे जल जाते है | उत्तराखंड की प्रसिद्द डिश होने के साथ साथ यह एनीमिया जैसे बीमारी के लिए काफी कारगर है | आज कल उत्तराखंड में कंडाली की चाय भी बाजारों में देखने को मिल जाती है |
चैंसू (Chainsoo in Hindi)
यह उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में सबसे अधिक खाया जाने वाला व्यंजन है | यह स्वादिष्ट होने के साथ साथ प्रोटीन से भरपूर होता है | पहाड़ो में लोगो को ज्यादा ऊर्जा की जरुरत होती है इस लिए इस तरीके का खाना यहाँ खाया जाता है | अन्य लोगो को इसको पचने में थोड़ा समय लगता है |
यह उड़द, भट्ट या काली दाल का मिश्रण है | दालों को भिगोया जाता है और पीस कर मिश्रण को तड़का लगा कर पका लिया जाता है | स्वाद के लिए आप खड़े मसाले भी दाल सकते है, यह दोपहर के भोजन में ही खाया जाता है| यह एक स्वादिष्ट व्यंजन है, जो कही कही अब रेस्टोरेंट के मेनू में भी देखने को मिल जाता है |
डुबके (Dubke in Hindi)
डुबके कुमाऊं के प्रसिद्ध व्यंजनो में से एक है | यह भट्ट की दाल से मुख्य्तः बनाया जाता है , जिसको चावल और भांग के बीजो की चटनी के साथ परोसा जाता है |
भट्ट की दाल को कढ़ाई में धीमी लकड़ियों की आँच में पकाया जाता है | ऐसा करने से स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही इसमें थोड़ा स्मोकी स्वाद मिल जाता है | यह कुमाऊं में सर्दियों में खाई जाने वाली डिश है | लेकिन होटल्स में उपलब्ध होने से अब इसको साल भर में कभी भी खाया जा सकता है |
बाड़ी (Baadi in Hindi)
उत्तराखंड का प्रसिद्द पारंपरिक व्यंजन है बाड़ी , लेकिन आज के फास्टफूड के ज़माने में अब यह कही पीछे होता जा रहा है | यह अपने स्वाद के लिए एक समय बहुत प्रसिद्ध था | लेकिन अब यह कुछ ही हिस्सों में खाने को मिलता है | इसको बनाना काफी आसान है , इसके लिए मंडवे के आटे का प्रयोग किया जाता है जिसको गढ़वाल में कोदा का आटा भी कहा जाता है|यह आटे के हलवे की तरह बनाया जाता है लेकिन मिठास की जगह इसमें नमक का उपयोग किया जाता है | यह मानव शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषण तत्वों को भी प्रदान करता है| इसको बनाने के लिए केवल लोहे की कढ़ाई का ही प्रयोग किया जाता है | यह गढ़वाल क्षेत्र में अधिक पसंद की जाने वाली डिश है |
भांग की चटनी (Bhang Ki Chutney in Hindi)
अगर आप उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में किसे भी तरह का भोजन कर रहे है तो यकीन मानिये आप को उसके साथ भांग की चटनी जरूर परोसी जाती है | यह काफी पौष्टिक होती है , इसमें कोई भी नशा या हानिकारक पदार्थ नहीं होते | यह भांग के बीजो को भून कर बनाई जाती है, इसको खट्टा -नमकीन-और तीख़ा बनाया जाता है | इसको अन्य व्यंजनों के साथ खाया जाता है , जिससे खाने का स्वाद और भी निखार सके |
मंडुआ की रोटी (Madua Ki Roti in Hindi)
मंडवे की रोटी को कोदे की रोटी भी कहा जाता है , यह एक मोटा अनाज होता है | मंडुआ गढ़वाल में उगाय जाने वाली मुख्य फसलों में से एक है | मंडवे के आटे से रोटियां बनाई जाती है और लकड़ी के चूल्हे पर उनको पकाया जाता है | मंडवे की रोटियों को यहाँ के लोग घर के बने मक्खन, घी, चटनी या किसे दाल के साथ ही खाना पसंद करते है | यह बहुत पौष्टिक होती है , शुगर के रोगियों के लिए मंडुआ फायदेमंद मन जाता है |
झंगोरे की खीर (Jhangora Ki Kheer in Hindi)
झंगोरा उत्तराखंड में उगने वाला एक प्रकार का अनाज है जो चावल की तरह होता है लेकिन आकर में यह छोटा दानेदार होता है | यह कम पानी वाली जगहों में भी आसानी से उग जाता है, जिससे यह चावल के स्थान पर उपयोग किया जात है | झंगोरे की खीर को ऐसे ही बनाया जा सकता है जैसे चावल की खीर को बनाते है | मगर स्वास्थ के लिए चावल की खीर से ज्यादा पौष्टिक होता है झंगोरे की खीर |
गहत के पराठे/रलो की रोटी (Gahat Dal Paranthe In Hindi )
गहत के पराठे अन्य पराठो की तरह ही बनाये जाते है | इनको बनाने के लिए गहत की दाल को भिगो कर उबाला जाता है और उसको पीस कर उसमे जरुरी मसले दाल कर उसको अच्छे से मिलाया जाता है | इसी मिश्रण से ही पराठे बनाये जाते है , इसमें मंडवे के आटे का उपयोग किया जाता है | इसको गढ़वाल में रलै की रोटी भी कहा जाता है | गहत सेहत के लिए लाभदायक है, यदि किसी को गुर्दे की पथरी की शिकायत होती है तो वह गहत का सेवन कर सकता है | गहत के पराठे चटनी, मक्खन, घी या आचार के साथ खाये जा सकते है |
उड़द के पकोड़े (Urad Ke Pakore)
उत्तराखंड में मुख्यतः किसी त्यौहार या विशेष मौको पर बनाये जाने वाले खास वयंजनो में से एक है उड़द के पकोड़े | यह गढ़वाल और कुमाऊं दोनों क्षेत्रों में बनाये जाते है | इसके लिए उड़द की दाल को रात भर भिगोया जाता है और अगले दिन बारीक़ पिसा जाता है इसके बाद उसमे मसाले डाल कर मिश्रण बना लिया जाता है | इस मिश्रण से ही तैयार होते है यह स्वादिष्ठ व्यंजन | इनको स्नैक्स के तौर पर भी पसंद किया जाता है |
लिंगोड़ा का साग (Lingde Ki Subji In Hindi )
लिंगुड़ा एक प्रकार का पौधा होता है जो उत्तराखंड तथा हिमाचल में पाया जाता है | पहाड़ी लोग इसको सब्जी को खूब पसंद करते है, स्वाद में यह बाकी सब्जियों से अलग होती है | यहाँ मॉनसून के दौरन पानी वाली जगहों पर उगती है , जहाँ से स्थानीय लोग इसको निकल कर लाते है | यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होती है | यहाँ के लोग इसे अपने लिए औषधी मानते है | यह स्थानीय बाजारों में भी आज कल देखने को मिल जाती है |
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निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तराखंड अपनी संस्कृति , कला और पहाड़ी भोजन के लिए प्रसिद्द है जो यहाँ आपने वालो के दिलो पर अपनी छाप छोड़ देता है | उत्तराखंड व्यंजन ज्यादातर लकड़ियों पर बनाया जाता है जिससे धीमी आंच पर पकने से खाने में और भी स्वाद बढ़ जाता है | उत्तराखंड के प्रसिद्द खाने के कई प्रकार आप यहाँ आ कर मज़े से खा सकते है | कई लोग अभी भी उत्तराखंड के इन लज़ीज व्यंजनों से अनजान है , यदि आप भी उनमे से एक है तो आप उत्तराखंड के प्रसिद्द भोजन की सूचि को जरूर पढ़े और अपनी उत्तराखंड की यात्रा जब भी उत्तराखंड आयें तो इन लजीज डिशो को टेस्ट जरूर करें |
आज कल उत्तराखंड में कई ऐसे भी स्थानीय होटल्स खुल चुके है जिनमे जा कर यह सब व्यंजन खाये जा सकते है | लेकिन इनके लिए आप को एक बात का ध्यान रखना होगा की यहाँ मौसम के अनुसार ही व्यंजन बनाये जाते है | आप जब भी उत्तराखंड जाए तो निश्चित कर ले की आप को कौन कौन से व्यंजन उस वक्त मिलेंगे | उत्तराखंड एक दार्शनिक जगह है तो एक बार यहाँ जरूर जाये और उपरोक्त व्यंजनों का आनंद ले |
FAQ
Q1- उत्तराखंड का सबसे प्रसिद्ध व्यंजन कौन सा है?
A- उत्तराखंड का सबसे प्रसिद्द व्यंजन कापलि है, जो गढ़वाल तथा कुमाऊं दोनों क्षेत्रों में बनाया जाता है | यहाँ काफी पौष्टिक होता है | सर्दियों में यह काफी पसंद किया जाने वाला व्यंजन है | इसको चावल, झंगोरा या रोटी के साथ खाया जाता है | यह हरी पत्तेदार सब्जियों से बनाया जाता है जैसे- राइ ,सरसो, पालक आदि |
Q2- देहरादून में खाने के लिए क्या प्रसिद्ध है?
A- देहरादून उत्तराखंड की राजधानी है, यहाँ कई सारे स्ट्रीट फुड आज कल प्रसिद्द है | यहाँ नार्थ इंडियन, पहाड़ी खाना , तिब्बिति , चाइनीस आदि जैसे खाने काफी प्रसिद्द है |
Q3- हरिद्वार का फेमस खाना क्या है?
A- हरिद्वार एक धार्मिक स्थान के रूप में जाना जाता है , यहाँ आलू-पूरी बहुत प्रसिद्ध है | इसके अलावा आप कही कही छोले कुलचे , कचौरी , दहीभल्ले जैसे चीजे भी ट्राई कर सकते है |
Q4- उत्तराखंड का पुराना नाम क्या है?
A- उत्तराखंड का पुराण नाम उत्तराँचल था | जो नाम स्थापना के समय रखा गया था , लेकिन 2006 के बाद लोगो की जुडी हुई भावना तथा कुछ अन्य कारणों से नाम बदल कर उत्तराखंड कर दिया गया |
Q5- उत्तराखंड का सबसे खूबसूरत शहर कौन सा है?
A- वैसे तो पूरा उत्तराखंड ही देखने लायक स्थान है , लेकिन मैदानी क्षेत्रों को छोड़ पहाड़ी इलाकों में नैसर्गिक सुंदरता आप का मन मोह लेती है | इस खूबसूरती में सबसे सबसे आगे आता है पिथौराघार जिला | जो अभी भी एक ऑफ बीट प्लेस है |