Deepawali - दिवाली
Read about India's biggest festival of the year.
Diwali क्यों है इतनी ख़ास?
भारत में कुछ जगहों की दिवाली बहुत famous भी है जहां लोग दूर से देखने भी जाते हैं ऐसे कुछ स्थान है- अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, उज्जैन, जहां दिवाली को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। यहां की दिवाली आप के रोम रोम में एक नई उमंग भर देती है, आप भी इस बार ऐसी दिवाली का आनंद लेने यहां जा सकता है।
दूसरी कथा के अनुसार जब इसी दिन श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके प्रजा को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई तो द्वारका की प्रजा ने दीपक जलाकर उनको धन्यवाद दिया।
एक और परंपरा के अनुसार सतयुग में जब समुद्र मंथन हुआ तो धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी के प्रकट होने पर दीप जलाकर आनंद व्यक्त किया गया।
दिवाली से जुड़ी ऐसे कई तथ्य है जो अलग अलग जगहों पर मौजूद है लेकिन ,जो भी कथा हो, ये बात निश्चित है कि दीपक आनंद प्रकट करने के लिए जलाए जाते हैं, खुशियां बांटने का काम करते हैं।
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Deepawali - दिवाली
यानी दीपों का त्योहार; भारत के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण उत्सव में से एक है। दिवाली, भारत वर्ष में प्राचीनकाल से मनाए जाने वाला एक प्रकाश पर्व है। माना जाता है आध्यात्मिक रूप से यह 'अन्धकार पर प्रकाश की विजय' को दर्शाता है।
लोगो को हर साल इच्छा होती है की यह पता करे की दिवाली कब है? तो जान लीजिए हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाई जाती है, अब शायद आप सब याद रखे की दिवाली कब है। यह हिंदू पंचांग के अनुसार है ,मौजूदा कैलेंडर के अनुसार दिवाली पर्व का महीना या तारीख बदलती रहती है।
भारत में दिवाली काफ़ी प्रसिद्ध है और इसको मानने के तरीके भी अलग अलग है। भारत में कई states ऐसे है जहां दिवाली काफ़ी दिनो पहले से ही मनाई जाने लगती है, और कई जगह लोग दिवाली के कुछ दिनों बाद तक दिवाली मनाते है। जैसे-हिमाचल, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल आदि।
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Varanasi |
भारत में कुछ जगहों की दिवाली बहुत famous भी है जहां लोग दूर से देखने भी जाते हैं ऐसे कुछ स्थान है- अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, उज्जैन, जहां दिवाली को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। यहां की दिवाली आप के रोम रोम में एक नई उमंग भर देती है, आप भी इस बार ऐसी दिवाली का आनंद लेने यहां जा सकता है।
महत्वपूर्ण जानकारी
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Tihar |
भारत के अलावा हमारा पडोसी देश नेपाल भी दिवाली का उत्सव धूम धाम से मनाता है, नेपाल में दिवाली को तिहार त्योहार ( Tihar festival) के रूप में मनाया जाता है, जिस दिन वे अपने पालतू पशुओं को पुजते है । नेपाल में भी दिवाली, तिहार के रूप में कुछ दिन पहले से मनाई जाने लगती है। इस दिन सभी नेपाल वासी घर में एकत्र होते है पूजा करते है, पकवान बनते है और आपस में उनको साझा करते है। यहां साल की सबसे बड़ी छुट्टियों का मजा लिया जाता है।
History
हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार भगवान राम 14 वर्ष के बाद रावण का वध कर के और अपना दिया वनवास पूरा कर के अयोध्या वापस लेते थे । उनके वापस आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने पूरी नगरी को मिट्टी के दीपकों से सजा दिया था![]() |
Ramayana |
दूसरी कथा के अनुसार जब इसी दिन श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके प्रजा को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई तो द्वारका की प्रजा ने दीपक जलाकर उनको धन्यवाद दिया।
एक और परंपरा के अनुसार सतयुग में जब समुद्र मंथन हुआ तो धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी के प्रकट होने पर दीप जलाकर आनंद व्यक्त किया गया।
दिवाली से जुड़ी ऐसे कई तथ्य है जो अलग अलग जगहों पर मौजूद है लेकिन ,जो भी कथा हो, ये बात निश्चित है कि दीपक आनंद प्रकट करने के लिए जलाए जाते हैं, खुशियां बांटने का काम करते हैं।
Diwali कैसे मनाई जाती है
दिवाली की शुरुआत धनतेरस से सुरु हो जाती है, जिस दिन घर के लिए कुछ खरीदारी की जाती है । घर के लिए लोग दीपक, सजावट के लिए कुछ सामान, खील-बताशे, और पूजा का सामान लिया जाता है, कुछ लोग इस दिन लक्ष्मी - गणेश की मूर्ति या कुछ सोने - चांदी से संबंधित चेजो को लेना शुभ मानते है।
दिवाली के दिन सुबह स्नान कर सब सजावट कर के लक्ष्मी पूजा की जाती है और पकवान बनाए जाते है, आने संबंधियों को दिवाली की सुभकामनय दी जाती है और मिठाइयां और पकवान आपस में बांटे जाते है। घरों के आंगन में रंगोली बनाई जाती है जिससे घर और खूबसूरत लगे।
शाम होते ही घर को दीपकों से सजा दिया जाता है, जलते दीपक एक नया उत्सह पैदा करते है, जो शायद ही कोई शब्दों में बता पाए। उसके बाद लक्ष्मी गणेश पूजन किया जाता है, पूरा परिवार एक साथ पूजा में शामिल होता है और आशीर्वाद लिया जाता है। इसके बाद मिठाई बांटी जाती है और बच्चे अपने मनोरंजन के लिए पटाखे फोड़ना सुरू कर देते है , और आतिशबाज़ी के साथ रात मानो चमक से जाती है।
वैसे तो दिवाली भारत में सब जगह लगभग समान रूप से मनाई जाती है लेकिन फिर भी भारत जैसे देश में इनमें भी कुछ विभिद्ता देखने को मिलती है।
आइए जानते है कैसे।
North India दिवाली
North India में Diwali 5 दिनों की होती है, कुछ जगह ये जल्दी भी सुरु हो जाती है लेकिन इनमें मुख्य 5 ही दिन होते है, जिनकी शुरुआत धनतेरस से होती है। यह Diwali भगवान राम की विजय गाथा , भगवान श्री कृष्ण द्वारा सुरु की गई नई परंपर और उत्सव से जुड़ा है।पहला दिन नरक चतुर्दशी श्रीकृष्ण से जुड़ा है। दूसरा दिन देवता कुबेर और भगवान धन्वंतरि से जुड़ा है। तीसरा दिन माता लक्ष्मी और राम जी की अयोध्या वापसी से जुड़ा है। चौथा दिन गोवर्धन पूजा और पांचवा दिन भाईदूज का है।
यहां लोग अपने मुख्य द्वार की सजावट करते है जिससे लक्ष्मी जी का स्वागत कर सके। कई जगहों पर राम लीला का आयोजन भी होता है, घर के खरीदारी करते है, घरों में खुद पकवान और मिठाई बनाते है आदि, कुछ राज्यों में दिवाली के दिन जुआ खेलने की भी मान्यता है।
South India दिवाली
South India में दिवाली 2 दिन का उत्सव होता है। दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी को जड़ा महत्व दिया जाता है, इस दिन यहां पारंपरिक स्नान किया जाता है, कुछ जगह तेल का स्नान भी किया जाता है।
घरों में रंगोली बनाई जाती है,घरों की दीवारों को गाय के गोबर से लेपा जाता है, दिवाली के दिन कुछ जगहों पर नवविवाहित लोग लड़की के घर जाते है और आशीर्वाद लेते है।
Middle india दिवाली
मद्यभारत में दिवाली 5दिन की होती है। यहां के कुछ क्षेत्र दीप दान करते है, इस अवसर पर आदिवासी स्त्री पुरुष एक साथ नाचते गाते है। यहां यमराज के नाम का दिया घर के मुख्य द्वार पर लगाया जाता है, और माना जाता है ऐसे घर में मृत्यु का प्रवेश नहीं होता।
यहां रंगोली की जगह मांडना बनाया जाता है, और इसको शुभ माना जाता है। बाकी रिवाज़ North India जैसे ही है।
East India दिवाली
यहां North India जैसे ही दिवाली मनाई जाती है, बस फर्क है तो पकवानों का और पारंपरिक वेश - भूशा का। यहां लोग अपने पारंपरिक नृत्य को महत्व देते है। लक्ष्मी जी के प्रवेश के लिए अपने घरों के दरवाज़ खुले रखे जाते है। वेस्ट बंगाल में तयारी 15 दिन पहले सुरु हो जाती है, घर के बाहर रंगोली और मध्य रात्री को मां काली पूजा यह famous है।
West India दिवाली
West India में रात को घरों के सामने रंगोली बना ली जाती है, लक्ष्मी स्वागत के लिए यह तयारी की जाती है। घरों में लक्ष्मी जी के पैरो के निशान बनाए जाते है और वह दिया जलाए जाते है। कुछ व्यापारी लोग अपने बहिखतो का भी पूजन करते है।कुछ जगह दिवाली को नया साल माना जाता है और यह दिन कोई नए काम के लिए शुभ माना जाता है। कुछ जगह गाय के बछड़े का पूजन किया जाता है, नरक चतुर्दशी पर सुबह सूर्योदय से पूर्व उबटन का स्नान किया जाता है।और पूजा के लिए मंदिर जाया जाता है।
यहां रात भर घी का दिया जलाए जाता है और सुबह दिए की काले भाग को हाथो से निकल कर काजल लगाई जाती है।
Goa में Diwali देखने लायक होती है यहां दिए जलाने और पटाखे फोड़ना famous है।
मुख्य 5 दिन (Diwali festival days)
यह वे मुख्य 5 उत्सव है जिनको दिवाली के समय ही मनाया जाता है, यह हर जगह अलग अलग नाम से जाने जाते है।
धनतेरस/Dhanteras
कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी की धनतेरस मनाया जाता है, Diwali से दो दिन पूर्व धनतेरस होता है। इस दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धन्वंतरि की पूजा का महत्व है।
Read This: dhanteras Puja - धनतेरस पूजाविधि
छोटी दिवाली/Narak Chaturdashi
छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी। जिसे धनतेरस के एक दिन बाद मनाया जाता है यानी कार्तिक अमावस्या से एक दिन पूर्व। यह दिन श्री कृष्ण से संबंध रखता है। इस दिन दीप दान का बहुत महत्व माना जाता है।
लक्ष्मी पूजा (दिवाली)/Deepawali
Diwali कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन भगवान राम और श्री लक्ष्मी की पूजा का महत्व है। और इस प्रकाश उत्सव भी कहा जाता है।
Diwali के अगले दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपद को गोवर्धन तथा अन्नकूट पूजा का महत्व है। यह दोनो ही द्वापर युग से चली आ रही पूजा है। इस दिन अपने मवेशियों को नहलाया जाता है और पूजा की जाती है।
भाई दूज कार्तिक मास की शक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता जाता है यानी दिवाली के दो दिन बाद। यह भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है।इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है। भाई दूज के दिन मृत्यु देवता यमराज की पूजा की जाती है।
सावधानियाँ
Diwali festival सब के लिए खास होता है, चाहे कोई अमीर हो या गरीब, लेकिन कुछ लोग इस दिन शराब पीना , जुआ खेलना जैसे हरकते कर के समाज में बुरी चीजे फैलते है। जो Diwali Festival और हमारे समाज दोनो के लिए खराब है।
बच्चो को भी पटाखे सावधानी से जलाने चाहिए , कोशिश करे कि जितनी जरूरत हो उतना ही समान ले और कुछ सामान गरीबों में भी बांटे जिससे इस Diwali Festival को सब खुशहाली से मनाए।
Diwali ki Mithai/ दिवाली की मिठाइयां
दिवाली के दिन घरों में मां और दादी मिल कर वैष्णव भोज बनाती है इतने पकवान बनते है की मुंह में पानी आने लगता है, इसमें कोई शक नहीं की पकवान घर के बने और शुद्ध स्वादिष्ट होते है। कुछ खास दिवाली के मीठे और नमकीन पकवान के बारे में हम आप को बताते है।और सबसे पहला भोग लगा कर लोग मिल कर इनका आनंद उठाते है
नमकीन स्वाली/ मठरी
यह स्वाद में नमीकन होती है और इसे चाय जैसे पेय पदार्थों के साथ खाया जा सकता है।
गुड मठरी
यह स्वाद में मीठी बांटी है, इसको भी चाय आदि के साथ खाया जा सकता है।
मूंगदाल हलवा
यह मूंग दाल से बना हलवा होता है जो इस समय काफी famous है। यह स्वाद में मीठा होता है और ड्राई फ्रूट्स इसको और भी लजीज़ बना देते है।
मालपुआ
मालपुआ भला कौन नही जानता घरों में अक्सर बनाई जाने वाली sweet dish है ।दिवाली में इसका प्रचलन भी काफी ज्यादा होता है।
चंद्रकला मिठाई
चंद्र कला मिठाई दिवाली में काफी प्रसिद्ध है, आज कल कई लोग इसको बाजार से ही कहरीदते है, लेकिन पहले यह मिठाई घर पर ही बनाई जाती थी। यह काफी स्वादिष्ट मिठाई है।
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जलेबी
जलेबी तो दिवाली में मीठे की शान बढ़ा देती है, और जलेबी खाना सब को पसंद होता है।चीनी की चाशनी में डूबी यह मिठाई भी दिवाली में खूब पसंद की जाती है।
पूड़ी
पुड़िया अक्सर दिवाली की रात को बनाई जाती है और रात्रिभोज में खाई जाती है, और इसको छोले के साथ खाया जाता हेयस्का अपना अलग ही स्वाद है।
पेड़ा और बर्फी
कही कही पेड़ा और बर्फी भी खाने को मिल जाती है और यह मिठाई सब की पसंद होती है।
रसगुल्ले
रसगुल्ले के बीना दिवाली अधूरी सी लगती है। यह एक ऐसी स्वीट डिश है जो हर घर में दिवाली के दिन खाई जाती है, और अपने घर में मेहमानों का स्वागत भी इसी से किया जाता है।
Diwali festival के कुछ तथ्य
- दिवाली आते ही सब अपने घरों की सफाई करते है जिससे बरसात में घर में घुसे कीड़े, गंदगी आदि चीजों से भी छुटकारा मिलता है और सफाई के साथ वातावरण भी शुद्ध हो जाता है ।
- Diwali को लगभग 800 मिलियन लोग अलग अलग तरीके से मनाते है
- यह भारत के साथ साथ मलेशिया, सिंगापुर, नेपाल, फ़िजी जैसे देश भी मानते है।
- भारत में कई जगह दिवाली को नये साल की भी शुरुआत माना जाता है।
- सिक्ख लोगो के लिए दिवाली इस लिए important है क्यों की इस दिन Golden Temple के शिलान्यास हुआ था।
FAQ
Q1- Why do Diwali is celebrated?
- On this day SHRI RAM came back to Ayodhya after killing Ravan and good was victorious over evil.
Q2- What are Diwali symbols?
- Oil lamps
- Ganesh/ Laxmi
- Lotus Flower
- Aum
- Rangloi / Kolam
- Gopura etc.
Q3- Diwali का पर्व क्यों मनाया जाता है?
- इस दिन श्री राम ने रावण का वध कर अपने वनवास को पूरा किया था और अयोध्या वापस आए थे। और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी।और श्रीकृष्ण ने भी इसी दिन नरकासुर का वध किया था जिससे लोगो ने इस दिन को दिवाली के रूप में मनाना सुरु किया था।
Q4- दिवाली के मुख्य 5दिन कौन से है?
- धनतेरसा/ Dhanteras
- नरक चतुर्दशी/ Choti Diwali
- लक्ष्मी पूजा/ Diwali
- गोवर्धन पूजा/ Govardhan Puja
- भाई दूज/ Bhai Dooj
Q5- लक्ष्मी पूजन क्यों की जाती है?
- लक्ष्मी की कृपा से ही वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। दिवाली से पहले शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है जिससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
Q6- दिवाली कब है?
- दिवाली हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। हिंदू पंचांग में यह दिन कभी नही बदलता लेकिन मौजूदा कैलेंडर में महीना या तारीख आगे पीछे होती रहती है।